आज मैंने तुम्हारे ख़्वाब देखें
ख़्वाब में तुम्हे बार बार देखें
क्या बात है मैं समझ नहीं पाया
लेकिन हर बात में सिर्फ़ तुम्हे ही पाया
क्यूँ अब मुझे यह अजीब नहीं लगता
कि हमारे बीच कुछ भी तो नहीं
वह सबके समझ के परे ही सही
लेकिन फ़िर भी है वह सबसे बढ़कर
मैं उम्मीद भी नहीं करता किसी से
कि समझे वो मेरी बातों को
समझे हमारे रिश्ते को
या फ़िर मेरे इरादे को
तुम मेरी ख़्वाब में ऐसे ही आना हर बार
मुझे रहेगा तुम्हारा हर रात इंतज़ार
उस इंतज़ार के पल को भी जीना चाहता हूँ
कि अब मैं उस ख़्वाब के लिए ख़्वाब में ही मरना चाहता हूँ
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Now u are talking, back to ur old ways my friend...
ReplyDeleteeven i can write poetry want to c
mein ghar se aaya
eah sochke ki mein piyunga chaya
saath mein mein ne apni pyaar ko be laya
lekin realize hua ke woh he moh maya
- Narayanan
अजीब होती हैं ये भावनाए , इमोशंस और फीलिंग्स भी कि इन ही की वजह से मन में बोलने के लिए तो कितना कुछ होता है फिर भी कभी-कभी इंसान अपने को मूक महसूस करता ही. ऐसा ही कुछ आपकी कविता पढ़के लगा. Self-less love और care की सच्ची परछाई है ये पंक्तिआं. संसार में कुछ ही लोग इतने lucky और blessed लोग हैं जिनके लिए कोई इतना कर सकता है और जिसके लिए आपने ये कविता लिखी है निश्चय ही वो उनमे से 1 है!
ReplyDeletethese lines are simply amazing, very touching...!!!!
ReplyDeleteThis lines touch my heart.amazing one...........
ReplyDeletesimple and heartfelt... goes straight to the heart
ReplyDeleteThanks to all. Your comments matter a lot.
ReplyDeleteHmmmm....very beautiful....I wonder who is the person who keeps coming in your dreams :)
ReplyDeleteVery touching Rajiv...I wish ki "Sapne bhi sach hotey", But I believe that people are lucky enough to dream like this.
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